किसी भी
काम में सिद्धि पाने के लिए या एक्सपर्ट होने के लिए आलस्य छोड़ना बहुत
जरूरी है। आलस्य ही तरक्की की राह में सबसे बड़ा बाधक है। बहुत से काम
आलस्य के कारण ही समय पर पूरे नहीं हो पाते हैं। यदि छोटे से काम के लिए
व्यक्ति सोच लेता है कि ये काम बाद में करूंगा तो वह काम अधूरा ही रह जाता
है।
बहुत पुराना दोहा है-
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब॥
इस दोहे का अर्थ यही है कि हमें आज का काम कल के लिए छोड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि कल क्या होगा, ये कोई नहीं जानता है। काम समय पर पूरा करना चाहते हैं तो आज काम अभी कर लेना चाहिए।
ये बातें भी ध्यान रखें...
हमें एक साथ बहुत ज्यादा काम हाथ में नहीं लेना चाहिए। यदि ज्यादा काम हाथ में होंगे तो किसी भी काम को पूरी एकाग्रता के पूरा नहीं कर पाएंगे। उत्साह में कमी आ जाएगी। इसीलिए एक-एक काम को हाथ में लेना चाहिए और पूरा करने के बाद दूसरा काम करना चाहिए।
इन बातों का ध्यान रखा जाएगा तो सभी काम समय पर पूरे हो सकते हैं।
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बहुत पुराना दोहा है-
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब॥
इस दोहे का अर्थ यही है कि हमें आज का काम कल के लिए छोड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि कल क्या होगा, ये कोई नहीं जानता है। काम समय पर पूरा करना चाहते हैं तो आज काम अभी कर लेना चाहिए।
ये बातें भी ध्यान रखें...
हमें एक साथ बहुत ज्यादा काम हाथ में नहीं लेना चाहिए। यदि ज्यादा काम हाथ में होंगे तो किसी भी काम को पूरी एकाग्रता के पूरा नहीं कर पाएंगे। उत्साह में कमी आ जाएगी। इसीलिए एक-एक काम को हाथ में लेना चाहिए और पूरा करने के बाद दूसरा काम करना चाहिए।
इन बातों का ध्यान रखा जाएगा तो सभी काम समय पर पूरे हो सकते हैं।
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