क्या होते हैं फ्लोटिंग रेट बॉन्ड्स?

ये डेट सिक्यॉरिटीज होती हैं, जिन पर एक समय अवधि में तय ब्याज की पेशकश नहीं की जाती। इनके रेट बेंचमार्क इंटरेस्ट रेट्स के साथ बदलते रहते हैं। ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स को खासतौर पर इंटरेस्ट रेट में गिरावट वाले दौर में पसंद किया जाता है।

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ऐसा क्यों है?
बॉन्ड इश्यू करने वालों को बॉरोइंग कॉस्ट के लिहाज से फायदा होता है। ऐसे बॉन्ड आमतौर पर बैंकों के बेस रेट से लिंक्ड होते हैं, जिससे कम रेट पर बैंक लोन नहीं दे सकते। इसके प्राइस में बैंक बेस रेट के साथ 0.10-0.20 पर्सेंट का स्प्रेड या मार्क-अप जोड़ा जाता है। उदाहरण के लिए, पिरामल एंटरप्राइजेज की ओर से हाल ही में इश्यू किए गए फ्लोटिंग रेट बॉन्ड का कूपन रेट 9.4 पर्सेंट था, जो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के 9.3 पर्सेंट के बेस रेट से 0.10 पर्सेंट अधिक था।


अगर कोई भी एए+ रेटिंग वाली कंपनी बैंक से टर्म लोन के लिए आवेदन करती है तो उसे बैंक की क्रेडिट अप्रेजल पॉलिसी के आधार पर कम से कम 0.15-0.20 पर्सेंट अधिक रेट चुकाना पड़ सकता है। अगर कंपनी एक बड़ी रकम जुटाना चाहती है तो यह और बढ़ जाता है।

कौन करता है इनवेस्टमेंट?
अपनी अलग-अलग स्कीमों के लिए म्यूचुअल फंड और इंश्योरेंस कंपनियों, प्रॉविडेंट फंड और पेंशन हाउसेज सहित लॉन्ग-टर्म फंड। यह प्रॉडक्ट इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन रईस इनवेस्टर्स भी इनमें पैसा लगा सकते हैं।

क्या दरें गिरने के समय में यह एक सही इनवेस्टमेंट है?
हां। अगर कोई फंड हाउस एए+ रेटिंग वाली कंपनी के कॉरपोरेट बॉन्ड में इनवेस्टमेंट करता है तो उसे एक वर्ष में 8.7-8.8 पर्सेंट का इंटरेस्ट मिल सकता है, जो 7.7-7.75 की बेंचमार्क 10 वर्ष सॉवरिन यील्ड से एक पर्सेंट ज्यादा है। वही इनवेस्टर फ्लोटिंग रेट बॉन्ड्स में इनवेस्ट कर 0.30-0.50 पर्सेंट अधिक कमा सकता है।

क्या मार्केट में ये लोकप्रिय हैं?
पॉलिसी रेट में 1.25 पर्सेंट की कटौती से मार्केट में फ्लोटिंग रेट बॉन्ड्स की संख्या बढ़ी है। पिरामल एंटरप्राइजेज, टाटा ग्रुप, जेएसडब्ल्यू स्टील ने इनसे फंड जुटाया है। बड़े प्राइवेट बैंक भी इस तरह की डील्स कर रहे हैं।

क्या सब कुछ ठीक है?
पूरी तरह नहीं। बड़ी चुनौती सेकेंडरी मार्केट लिक्विडिटी की है। अगर कोई इनवेस्टर मैच्यॉरिटी से पहले सेकेंडरी मार्केट के जरिए बाहर निकलना चाहता है तो उसे मुश्किल होगी। रेट्स गिरने के साथ कैपिटल अप्रिसिएशन के मौके कम हैं क्योंकि यहां रेट्स फ्लोटिंग हैं, फिक्स्ड नहीं।

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